
गड्ढों का निर्माण (Water Holding Pits / Percolation Pits) एक सरल, सस्ता और प्रभावी तरीका है, जो वर्षा जल को धरती में रिसा कर भूजल स्तर बढ़ाने और स्थानीय जल स्रोतों को सशक्त करने के उद्देश्य से अपनाया जाता है।
पानी रोकने के लिए गड्ढा क्या है?
यह एक निर्धारित आकार और गहराई का गड्ढा होता है जो बारिश के पानी को रोक कर धीरे-धीरे मिट्टी में रिसने देता है। इसे प्रायः खेतों के किनारे, सामुदायिक क्षेत्रों, स्कूलों, मंदिरों या प्राकृतिक जल निकासी मार्गों में बनाया जाता है।
गड्ढा खोदने के मुख्य उद्देश्य:-
मिशन, “खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में” को बढ़ावा देना।
बरसात के एक एक बूंद को संरक्षित करना।
भूजल स्तर को रिचार्ज करना।
सूखे समय में बोरवेल, कुओं और हैंडपंप को जल उपलब्ध कराना।
जल निकासी में सुधार और मिट्टी के कटाव को रोकना।
खेतों में या आसपास नमी लाना।
गड्ढे के प्रकार (Types of Pits):
- सरल गड्ढा (Simple Pit): केवल मिट्टी का गड्ढा, पानी जमा होता है और धीरे-धीरे जमीन में रिसता है।
- फिल्टर गड्ढा (Filter Pit): नीचे कंकड़, गिट्टी और रेत की परतें डाली जाती हैं ताकि पानी फिल्टर होकर नीचे जाए।
- झील/तालाबनुमा गड्ढा: बड़े आकार का होता है, जहाँ अधिक मात्रा में पानी रोका जा सकता है।
गड्ढे निर्माण की प्रक्रिया
- स्थान का चयन:
जहाँ वर्षा जल बहकर आता हो।
खेतों के निचले हिस्से
घरों, स्कूलों, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन आदि के पास की खुली जमीन में। - माप और गहराई:
आकार: ज़रूरत और जगह के अनुसार (आमतौर पर 1x1x1 मीटर से लेकर 5x5x2 मीटर तक)
आकार प्रकार: वर्गाकार, आयताकार, वृत्ताकार - गड्ढा खोदना
श्रम दान/श्रम साधना के माध्यम से।
मजदूरों या JCB मशीन द्वारा खुदाई करना।
ढलान की ओर से गड्ढे का मुंह रखना ताकि पानी सहजता से पहुँचे - भराव (अगर आवश्यक हो):
- नीचे की सतह पर 40-60 मिमी मोटे कंकड़ डाल सकते है।
- फिर 20-40 मिमी की गिट्टी डाल सकते हैं।
- अंत में 1-2 फीट रेत डाल सकते हैं।
- यदि केवल पानी रोकना हो और रिसाव न हो, तो केवल खुला गड्ढा भी पर्याप्त होता है।
अनुमानित लागत (छोटे गड्ढों के लिए):
- खुदाई: ₹200-₹500 (मजदूरी पर निर्भर)
- सामग्री (यदि भराव हो): ₹500-₹1500
- कुल: ₹700-₹2000 प्रति गड्ढा
सावधानियाँ:
गड्ढे को खुला न छोड़ें, यदि वह सार्वजनिक स्थान पर हो – सुरक्षा हेतु जाली या ढक्कन लगाएँ
वर्ष में 1 बार सफाई और मरम्मत करें
कूड़ा-कचरा न जाने दें, अन्यथा रिचार्ज प्रक्रिया बाधित होगी
गड्ढों से लाभ:-
- स्थानीय स्तर पर जल संकट का समाधान होता है।
पर्यावरणीय संतुलन में सहयोग
किसानों की सिंचाई लागत में कमी आती है।
सामुदायिक जागरूकता में वृद्धि हुई है।