आज़ गंगार्जन (गंगा साधना/श्रम साधना) के अंतर्गत गंगा विचार मंच एवं मंगल भूमि फाउंडेशन प्रयागराज द्वारा दारागंज प्रयागराज के माधव कोचिंग सेंटर में “हमारे जीवन में गंगा नदी का महत्व” विषय पर एक गोष्ठी संपन्न हुई।
गंगार्जन – गंगा विचार मंच एवं मंगल भूमि फाउंडेशन प्रयागराज द्वारा दारागंज प्रयागराज
इलाहाबाद विश्वविद्यालय अर्थ शास्त्र के आचार्य डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि वर्तमान में गंगा नदी लोगों के पाप नष्ट करने के साथ ही साथ एक बहुत बड़े तबके को रोजगार भी उपलब्ध कराती है। प्रोफेसर अमिताभ कर ने जल संरक्षण तथा उसको संरक्षित करने के बारे में विस्तार से बताया। नेहरू युवा केन्द्र की जागृति पांडेय ने गंगा के तटीय इलाकों में पौधारोपण पर जोर दिया। कैप्टन सुनील निषाद ने कहा विश्व की सबसे बड़ी पवित्र नदी में गंगा का सबसे ऊंचा स्थान है, हिमालय पर्वत से निकल कर 2525 किमी की दूरी तय करते हुए पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में मिल जाती है । कैप्टन सुनील निषाद ने बताया कि मां गंगा इस देश की लगभग आधी आबादी को रोजगार और उनके परिवार का पालन पोषण करती हैं। शोध छात्र रामबाबू तिवारी ने सभी अतिथियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा बुंदेलखंड में भूगर्भ जल को बचाने हेतु किये गये कार्यो के लिए रामबाबू तिवारी को सम्मानित किया गया। निदेशक एम पी मिश्रा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इसके पूर्व गंगा विचार मंच के पदाधिकारियों शिल्पी निषाद, मृणाली मिश्रा, त्रिगुणात्मिका शीतल शुक्ला, मुन्नी पांडेय, सुमन बाला ने सभी अतिथियों को नमामि गंगे की पुस्तक और कैप भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सर्वश्री आचार्य कौशल,विनोद कुमार शर्मा, शारदा त्रिपाठी, रामजी शर्मा, शिवा त्रिपाठी पूर्व पार्षद, निखिल श्रीवास्तव, आशुतोष श्रीवास्तव जूनियर, राकेश श्रीवास्तव, मंदाकिनी मिश्रा, राकेश मिश्रा, विकास केलकर, अन्नू निषाद, सोनू अरोरा,अजय द्विवेदी अधिवक्ता, शिवम् अस्थाना, प्रदीप कुमार,शैलेश पाल, सौरभ दुबे, राजेंद्र जायसवाल, अरूण भटनागर,भीम सिंह, पंकज राय,वी के शर्मा, अर्पणा उपाध्यक्ष, आस्था तिवारी, संदीप तिवारी, दुर्गेश नंदिनी, गीता गुप्ता आदि के साथ 150 से अधिक लोग उपस्थित रहे।