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Mangal Bhomi Foundation

In Shankargarh area of ​​Prayagraj district of Uttar Pradesh and Bundelkhand area of ​​Uttar Pradesh, efforts have been made for water conservation and promotion since last 2011, for conservation and promotion of natural sources of water, ponds and small rivers, village-village Pani Choupal, Pani Panchayat, River Parliament organized Doing. Renovation of the pond through mass labor donation by running water literacy campaign.

मंगल भूमि फाउंडेशन, बांदा – विस्तृत परिचय

“जहाँ धरती का हर अंश मंगलमय हो, वहीं से शुरू होती है मंगल भूमि की यात्रा।”

मंगल भूमि फाउंडेशन उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में स्थित एक समर्पित सामाजिक एवं पर्यावरणीय संगठन है, जो विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के ग्रामीण समुदायों में सतत विकास, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, महिला एवं युवा सशक्तिकरण, तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।

संस्था की स्थापना उन विचारशील नागरिकों द्वारा की गई, जिन्होंने यह संकल्प लिया कि बुंदेलखंड की समस्याओं का समाधान स्थानीय पहल, पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से ही संभव है।


संस्था की पृष्ठभूमि और स्थापना की प्रेरणा

बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र वर्षों से सूखा, जल संकट, बेरोजगारी, पलायन और कृषि संकट जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए जब कहीं से कोई ठोस पहल नहीं हो रही थी, तब मंगल भूमि फाउंडेशन ने यह बीड़ा उठाया कि “गाँव को बचाना है तो धरती, जल और मनुष्य – तीनों का पुनर्जागरण करना होगा।”


दृष्टिकोण (Vision):

हरित, समावेशी और आत्मनिर्भर गाँवों का निर्माण, जहाँ मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन हो।

लक्ष्य (Mission):

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण व पुनर्जीवन

सामाजिक समानता और न्याय के लिए कार्य करना

ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाना

महिला और युवाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाना

 

मुख्य कार्यक्षेत्र

भौगोलिक क्षेत्र:

प्रमुख रूप से बांदा ज़िले के विभिन्न ब्लॉक एवं गाँव

क्रियान्वयन विस्तार – चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा आदि बुंदेलखंड के अन्य ज़िले


कार्यात्मक क्षेत्र:

1. जल संरक्षण और पर्यावरणीय पहलें

तालाब/कुएँ/झीलों का पुनर्जीवन

वर्षा जल संचयन प्रणाली

वृक्षारोपण अभियान

हरित ग्राम अभियान

 

2. शिक्षा एवं स्वास्थ्य

ग्रामीण शिक्षा केंद्र, विशेष रूप से बालिकाओं के लिए

स्वास्थ्य जागरूकता शिविर, पोषण आहार कार्यक्रम

किशोरी स्वास्थ्य एवं माहवारी स्वच्छता अभियान

 

3. महिला और युवा सशक्तिकरण

स्वयं सहायता समूह (SHG) का गठन

सिलाई, बुनाई, जैविक खेती प्रशिक्षण

पंचायत स्तर पर महिला नेतृत्व विकास

 

4. आजिविका संवर्धन और कृषि नवाचार

किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम

जैविक खाद और बीज बैंक की स्थापना

स्थानीय उत्पादों को बाज़ार से जोड़ना

 

5. आपदा प्रबंधन और राहत कार्य 

कोविड काल में राहत सामग्री वितरण

सूखा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष सहायता कार्यक्रम

 

 

संस्था की संरचना

संरक्षक: डॉ. अनिल प्रकाश जोशी (पद्मभूषण सम्मानित पर्यावरणविद्)

अध्यक्ष: श्री रामबाबू तिवारी

निदेशक: श्रीमती अनीता सिंह

प्रमुख सलाहकार: श्री जी. अशोक कुमार (पूर्व IAS)

कार्यक्रम संयोजक: डॉ. रेवा सिंह

कोर टीम: समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों, शिक्षाविदों व ग्रामीण स्वयंसेवकों का सशक्त नेटवर्क

 

संस्था की विशेषताएँ

समुदाय आधारित दृष्टिकोण: हर योजना समुदाय की भागीदारी और ज़रूरत के अनुसार बनाई जाती है।

स्थानीय नवाचार और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय

पारदर्शिता, सहभागिता और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर

युवाओं को प्रेरित कर नेतृत्व निर्माण की दिशा में कार्य

 

भविष्य की योजनाएँ

बुंदेलखंड के 100+ गाँवों को “हरित ग्राम मॉडल” के तहत विकसित करना

गाँव स्तर पर महिला उद्यमिता केंद्र की स्थापना

पर्यावरण शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना

जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में शोध और नीति सहयोग

डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा

 

नारा / मूल भावना:

“मिट्टी, जल और जन – तीनों का सम्मान, तभी बनेगा मंगल भूमि का पहचाना हुआ स्थान!”

To ease every drop of rain

In order to stop the field water in the fields, embankments are being made on the fields and ponds are being constructed on the fields. The same work is being done to save every drop of rain by renovating the ponds built in the village to stop the water in the village. This campaign is going on in many villages of Banda district.