जल संरक्षण

श्री रामबाबू तिवारी जी द्वारा तालाब बचाओ अभियान के अन्तर्गत दिवाल लेखन के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जागरुकता लाना

दीवाल लेखन:- जल संचयन हेतु दीवाल लेखन (Wall Writing for Water Conservation) एक अत्यंत प्रभावी जनजागरूकता माध्यम है जिसका उपयोग ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को जल संरक्षण के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए किया जाता है। यह एक दृश्य संप्रेषण (Visual Communication) का तरीका है जिसमें दीवारों पर आकर्षक चित्र, नारे […]

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मंगल भूमि फाउंडेशन द्वारा जल संचयन हेतु पानी रोकने के लिए गड्ढों का निर्माण

गड्ढों का निर्माण (Water Holding Pits / Percolation Pits) एक सरल, सस्ता और प्रभावी तरीका है, जो वर्षा जल को धरती में रिसा कर भूजल स्तर बढ़ाने और स्थानीय जल स्रोतों को सशक्त करने के उद्देश्य से अपनाया जाता है। पानी रोकने के लिए गड्ढा क्या है? यह एक निर्धारित आकार और गहराई का गड्ढा

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राहगीरों के आवागमन हेतु पुल का निर्माण

जून 2024मंगल भूमि फाउंडेशन ने हेस्को देहरादून के सहयोग से ग्राम अधांव,बबेरू, बांदा,उत्तर प्रदेश में विगत वर्षो से जल संचयन का कार्य रहे किसानों के सम्मान में व जनहित को देखते हुए गांव के नहर में बनवाया है पुल।गांव के कालका सविता का कहना है कि गांव का मुक्तिधाम नहर के उस पार है एवं

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मंगल भूमि फाउंडेशन के संस्थापक श्री राम बाबू तिवारी जी द्वारा बुन्देलखण्ड में होली व फाग उत्सव मनाया गया।

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गंगार्जन – हमारे जीवन में गंगा नदी का महत्व

आज़ गंगार्जन (गंगा साधना/श्रम साधना) के अंतर्गत गंगा विचार मंच एवं मंगल भूमि फाउंडेशन प्रयागराज द्वारा दारागंज प्रयागराज के माधव कोचिंग सेंटर में “हमारे जीवन में गंगा नदी का महत्व” विषय पर एक गोष्ठी संपन्न हुई। गंगार्जन – गंगा विचार मंच एवं मंगल भूमि फाउंडेशन प्रयागराज द्वारा दारागंज प्रयागराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय अर्थ शास्त्र के आचार्य

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मंदाकिनी नदी की पाठशाला में निर्मलता-अविरलता की पढ़ाई

चित्रकूट | देश की नदियों का स्वरूप लगातार बिगड़ रहा है, उनकी सेहत चिंताजनक होती जा रही है, यही हाल राम की नगरी चित्रकूट से गुजरने वाली मंदाकिनी नदी का है। इसे निर्मल और अविरल कैसे बनाए रखा जाए, इसके लिए नदी के तट पर पाठशाला का आयोजन किया गया। दो दिनों तक चली इस

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पानी चौपाल व जल यात्रा से नीर की पीर दूर कर रहा ‘वाटर हीरो’ सूखी कोख से निकाल रहे गंगधार

कभी बुंदेलखंड में पानी से जूझ रहे लोगों की तस्वीर सामने आया करती थी। जो मन को पीड़ा तो देती थी। ऐसे में बांदा के शोध छात्र रामबाबू ने बुंदेली धरा की कोख पानी से संतृप्त करने में जुट गए हैं। उन्होंने 31 तालाबों को नया जीवन दिया है।

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PM Modi Man Ki Baat: पीएम मोदी ने मन की बात में लिया बांदा के गांव का नाम, जानिए; इसकी खास वजह

PM Modi Man Ki Baat सूखे बुंदेलखंड में खुद को पानीदार बनाकर अधांव के ग्रामीणों ने जो मिसाल कायम की आज उसकी चर्चा प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में की है। गांव का पानी गांव में व खेत का पानी खेत में रोकने के फार्मूले को नजीर मानकर इसे गांव वालों ने खुद के

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‘खेत का पानी खेत में’.. बांदा के गांव में बारिश का पानी बचाने का ‘अनूठा’ अभियान, किसानों को होगा फायदा

इस ममशन क तहत गािंि में बरसात के िर्ाध िल को छोटे-छोटे तालाबों, पोखर, क आिं, खेत मेंमेड़ ,मेड़ में पेड़ बनाकर पानी रोकने का कायध ककया िाता है जिससे बाररश की एक-एक बूिंद कोअपने गािंि में, यानी धरती के पेट में डाल देते हैं जिससे गािंि के भूिल का स्तर बढ़े, खेतों मेंनमी आए,

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