पर्यावरण संवाद एवं वृक्षारोपण
हेस्को संस्थान देहरादून के सहयोग से व मंगल भूमि फाउंडेशन प्रयागराज इकाई द्वारा आयोजित पर्यावरण संवाद एवं वृक्षारोपण प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर ब्लाक के अंतर्गत ग्रामपंचायत- कुढ़ा के ग्राम-लेदहाबरा में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री सनत मिश्र ने कहा कि आज वर्तमान में जिस प्रकार से जलवायु परिवर्तन का असर दिख रहा है अगर ऐसे में हम लोग प्रकृति और गांव को नहीं बचाएंगे तो निश्चित रूप से तबाही आने वाली है। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना अर्थ गंगा से गंगा के किनारे के समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करने का बहुत ही सराहनीय पहल की जा रही है, इस पहल से निश्चित रूप से जो प्रयागराज का क्षेत्र है गंगा का कछारी यहां उत्पादन बहुत अधिक होता है लेकिन आर्थिक रूप से जुड़ने के लिए यहां के किसानों को प्रकृति को ध्यान में रखते हुए गौ आधारित प्राकृतिक खेती की ओर भी बढ़ना होगा, इसके साथ ही साथ छोटे-छोटे लघु उद्योगों को गांव स्तर में बढ़ावा देना होगा जिससे गांव में आर्थिक संपन्नता बढ़े गांव में खुशहाली आए समृद्धि आए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आर्यन सिंह चौहान जी ने कहा कि आज वर्तमान में भारत युवाओं का देश है युवाओं को प्रकृति संरक्षण संवर्धन की ओर ध्यान देना होगा भौतिकवाद जीवन से प्रकृति केंद्रित जीवन की ओर चलना होगा। हेस्को संस्थान देहरादून और मंगलभूमि फाउंडेशन पर्यावरण की संरक्षण संवर्धन के लिए अच्छा कार्य कर रही है ऐसी छोटी-छोटी चौपालों का आयोजन गंगा के किनारे प्रत्येक गांव पर करना अति आवश्यक है जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं गंगा की अविरलता निर्मलता हेतु एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके। लोगों को गंगा के आर्थिक महत्व से जोड़ते हुए गंगा की संरक्षण संवर्धन की बात करनी होगी। गंगा के संरक्षण संवर्धन के साथ ही साथ जो गंगा की सहायक नदियां हैं जो जल के प्राकृतिक स्रोत हैं गंगा किनारे तालाबों का जीर्णोद्धार कराना भी करना अति आवश्यक है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रामबाबू तिवारी ने कहा कि आज वर्तमान समय में आर्थिक की का दौर चल रहा है ऐसे में मां गंगा के आर्थिक महत्व को देखते हुए गंगा के किनारे के समाज को अर्थ से जोड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा गंगा किनारे बागवानी गंगा किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा। किसने की समृद्धि के लिए तीन कम अति आवश्यक हैं बागवानी पशुपालन और प्राकृतिक खेती साथ ही साथ जब उत्पादन हो उसका प्रोसेसिंग करना भी बहुत जरूरी है जिससे किसान आर्थिक रूप से संपन्न हो सके जब किसान संपन्न होगा तो गांव संपन्न होगा गांव में खुशहाली आएगी देश में समृद्धि आएगी। कार्यक्रम का आयोजन कर रहे स्थानीय निवासी केशव जी ने कहा कि हम निश्चित रूप से अपने गांव को प्रकृति केंद्रित विकास की ओर ले जाएंगे गांव में ही पोषण वाटिका बनवाने का कार्य कर रहे हैं आज 51 वृक्ष रोपित कर पोषण वाटिका का शुभारंभ किया गया है ऐसे ही वृक्ष लगाकर यहां हरा भरा करेंगे साथ में जो गांव के जो तालाब हैं उन तालाबों की साफ सफाई कभी कार्य करेंगे उन्होंने इसको देहरादून और मंगल भूमि फाउंडेशन का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नर नारायण अमित शिवकांत आनंद सिद्धार्थ मयंक विक्रांत श्रीकांत विकास सौरभ आदि लोग मौजूद रहे।