स्वामी शांतानंद सरस्वती विद्या मंदिर,काकुन,महोबा में प्रकृति वंदन कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

मंगल भूमि फाउंडेशन, महोबा इकाई, व बुंदेलखंड सेवा भारती के संयुक्त तत्वाधान में प्रकृति वंदन दिवस कार्यक्रम,बसंत पंचमी (14 फरवरी 2024) में हुआ आयोजित। प्रकृति वंदन दिवस की शुरुआत सरस्वती पूजा से शुरुआत कर व स्वामी शांतानंद सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यापक श्री कुलदीप मिश्र,श्री मयंक त्रिपाठी,श्री रामअवतार यादव,श्री शिव सिंह जी ने सरस्वती जी की प्रतिमा में पुष्प अर्पित कर किया।इसके पश्चात स्वागत गीत व सरस्वती वंदना की गई। वातावरण को शुद्ध करने व प्रकृति को संतुलित करने हेतु कैंपस परिसर में आचार्य कुलदीप मिश्र जी ने छात्राओं के साथ हवन पूजन किया। प्रख्यात पर्यावरणविद डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी की अगुवाई में मनाई जा रहे हैं प्रथम प्रकृति वंदन दिवस के अवसर में केंद्रीय कार्यालय देहरादून से विमोचित पोस्टर का विमोचन स्कूल के छात्र छात्राओं ने किया। श्री रामअवतार यादव ने कहा कि प्रकृति वंदन दिवस का आयोजन हेतु प्रकृति का धन्यवाद ज्ञापित करने हेतु हम लोगों ने छोटे-छोटे पौधों की पूजा कि पौधों की पूजा करने के उपरांत विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया। हमारा देश आस्थावान है।वास्तविक रूप में ईश्वर प्रकृति में ही विराजमान है,इसलिए प्रकृति की पूजा करना प्रकृति का आभार प्रकट करना है। प्रकृति वंदन दिवस के अवसर में आयोजित कर कम से कम एक दिन तो हम प्रकृति का आभार प्रकट कर सकते हैं। श्री शिव सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अत्यधिक वनों का कटाव,जल के प्राकृतिक स्रोतों पर अतिक्रमण, भौतिकवाद, व शहरीकरण के चलते बुंदेलखंड क्षेत्र हमेशा आकाल और दुष्काल के लिए जाना जाता है। इस कलंक को मिटाने के लिए हमें प्रकृति के साथ जुड़ना होगा। प्रकृति से लोगों को जोड़ने के लिए गांव-गांव जाकर स्कूल में बच्चों को जोड़ने का प्रयास करना होगा। वास्तविक रूप में प्रकृति नमन दिवस हम लोगों का तभी सफल होगा जब अगले वर्ष प्रकृति नमन दिवस मनाने से पहले कम से कम 100 स्कूलों में जाकर छात्रों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया जाए। फिर इसके बाद बृहद रूप में प्रकृति वंदन दिवस का आयोजन किया जाए। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन मयंक त्रिपाठी ने किया। प्रगति नमन दिवस के अवसर पर स्वामी शांतानंद सरस्वती विद्या मंदिर के समस्त छात्राएं मौजूद रहे।