देश में पहली बार प्रकृति को आभार प्रकट करने हेतु बसंत पंचमी के दिन प्रकृति नमन दिवस मनाया गया। डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी प्रख्यात पर्यावरणविद के नेतृत्व में देश में 700 अलग-अलग स्थानों में प्रकृति नमन दिवस मनाया गया। तीर्थराज प्रयाग नगरी में जहां गंगा,यमुना,विलुप्त सरस्वती का संगम है ऐसी जगह पर गंगा जी के सहायक नदी यमुना के तट में सेवा बस्ती के बच्चों के साथ प्रकृति नमन दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विशाल संकल्प संस्थान, प्रयागराज की डॉ अंजलि केसरी ने कहा कि वर्तमान समय में आपदाएं जिस प्रकार से बढ़ रही हैं,इसमें से मानव जनित अधिक हैं।हमे इन आपदाओं को रोकने और अपने भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात करनी होगी। यह सस्टेनेबल डेवलपमेंट हम इन छात्रों के साथ प्रकृति की संचयन की बात कर व प्रकृति, पर्यावरण,जल,जंगल,जमीन संरक्षण कर उदाहरण पेश कर सकते हैं ।प्रकृति का आभार हम लोग तो प्रकट नही कर सकते है, क्योंकि हमारी शरीर की रचना प्रकृति (पंच तत्व) से हो रखी है।लेकिन सच रूप में प्रकृति का आभार हम लोग कम से कम संसाधन का प्रयोग कर भी दे सकते है।
मंगल भूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष रामबाबू तिवारी ने कहा कि प्रकृति नमन दिवस के माध्यम से लोगों को प्रकृति, पर्यावरण से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है। वर्तमान समय में पहाड़, पर्वत,छोटी नदियां,तालाब,पोखर,झील, विलुप्त हो रहे हैं।ऐसे में प्रकृति नमन दिवस के माध्यम से नेचर नेटवर्क के स्वयंसेवक जल के प्राकृतिक स्रोत तालाब, पोखर,झील,छोटी नदियों को बचाने का कार्य करे और प्रकृति नमन दिवस का सफल उदाहरण प्रस्तुत करें। नेचर नेटवर्क के माध्यम से देश भर में प्रकृति नमन दिवस मनाया जा रहा है। प्रकृति नमन दिवस आगे आने वाले समय में गांव-गांव, मोहल्ला मोहल्ला, कॉलेज,स्कूल स्तर में मनाया जाए।इसके लिए हमको वर्ष भर प्रयास करना होगा। अगले वर्ष के प्रकृति नमन दिवस मनाने हेतु हम लोगों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी होगी इसके लिए छोटी-छोटी बैठके,(ऑनलाइन, ऑफलाइन माध्यम), जागरूकता यात्रा, वाल पेंटिंग,नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से लोगो को नेचर नेटवर्क में जोड़ कर प्रकृति नमन दिवस मना कर प्रकृति का आभार प्रकट करना होगा। प्रकृति नमन दिवस के अवसर में सेवा बस्ती के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण हेतु शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अंकित, मयंक, अर्पित, सुशील, गुड़िया, सीखा, नंदिनी, स्नेहा ,दीक्षा आदि लोग रहे